बचपना छीन गया हमसे

बचपन हमारा खो गया हमसे
जैसे एक प्यारा सा सपना खो गया हमसे
हमें रुलाई आयी
साथ में तन्हाई लाई
हमारे आंखों में आंसू नहीं थे
और याद आ रहा था
वो जो दोस्त हमसे कहे थे
रोओगे तुम बहुत एक दिन
जब हम चले जाएंगे
तुमसे बहुत दूर
होंगी सारी खुशियां जमाने की
तुम्हारे पास
पर हमारे बिना तुम्हें कुछ न सुहाएगा
कहीं दूर आसमा में 
कोई परिंदा गाएगा
बचपना छीन गया हमासें
वो अपने यार
पीछे छूट गए हमसे


                  🗒️🖋️🖋️🖋️  शिवमणि"सफ़र"(विकास)

No comments:

New Posts

कीड़े

कीड़े धानो के खेतों में धानो को खाते हैं उनके जड़ों और तनों को चबाते ही जाते हैं फिर एक दिन मर जाते हैं उसी खेत में मिल जाते हैं उसी मिट्टी ...