Showing posts with label देश है. Show all posts
Showing posts with label देश है. Show all posts

देश है

देश सिर्फ आप कुछ चुने हुए 
धनाढ्यों व राजनेताओं से नहीं है 
देश है मजदूरों से 
देश है किसानों से 
देश है अपंग व अनाथों से 
देश है शोषित व कुपोषित हाथों से 
देश है गूंगे और बहरों से 
देश है गांव और शहरों से 
देश है नदियों और तालाबों से 
देश है कुछ गंदे मलबों से 
देश है पेड़-पहाड़ों से 
देश है सुंदर नजारों से 
देश है रंग-बिरंगे फूलों से 
देश है सावन -भादो के झूलों से 
देश है मेले और मल्हारों से 
देश है सभ्यजन के संस्कारों से


                  🗒️🖋️🖋️🖋️  शिवमणि"सफ़र"(विकास)

New Posts

कीड़े

कीड़े धानो के खेतों में धानो को खाते हैं उनके जड़ों और तनों को चबाते ही जाते हैं फिर एक दिन मर जाते हैं उसी खेत में मिल जाते हैं उसी मिट्टी ...