समस्याएं जिनसे वो कई,
पीढ़ियों से परेशान हैं,
उन सब का हल है मेरे पास,
पर मेरी कोई नहीं सुनता,
क्योंकि मैं बच्चा हूं।
मैं कुछ कहता हूं, तो
वह हंसकर टाल जाते हैं,
यह सोंचकर ,
क्योंकि मैं बच्चा हूं।
मैं क्या जानूं अनुभव,
किस चिड़िया का नाम है ,
मैं क्या जानूं दु:ख-दर्द,
मैं क्या जानूं राग-द्वेष,
मैं क्या जानूं छल-तकरार,
मैं क्या जानूं आदर-सत्कार,
मैं क्या जानूं प्रेंम_व्यवहार,
मैं क्या जानूं चाकू की धार,
क्योंकि मैं बच्चा हूं।
बच्चा हूं मैं,
यही सोचते हैं ये बड़े लोग,
यही सोचते ही रह जाएंगे,
जब मैं अपनी निजबुद्धि से,
इनके जिंदगी से समस्याओं को उखाड़ फेकूंगा।
🗒️🖋️🖋️🖋️ शिवमणि"सफ़र"(विकास)