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मतलब का खात्मा

ये मतलब की दुनियां,
ये मतलब के लोग,
ये मतलब की इज्जत,
ये मतलब की शोहरत।

ये मतलब के घर,
ये मतलब के परिवार,
ये मतलब के कार्य,
ये मतलब के व्यवहार।

यह दुनियां है सिर्फ मतलबी,
इसीलिए दुनिया में मची है खलबली,
है जो यह मतलब की आग,
कर देगी यह हम सब को राख।

मिटाना होगा इस मतलब को,
ना की मतलबी लोगों को,
भूलना होग हमें स्वार्थ को,
न की स्वार्थी लोगों को।

ढूंढ रहे हैं लोग उसे,
दुनिया के हर कण में,
पा न सके वह लोग उसे,
किसी भी परमाणु में।

वह छुपा है उस घर में,
जो निर्मित है मन में,
नष्ट करो हथियार से,
जो निर्मित है प्यार से।

बस एक पश्चाताप करो
अपने मन को साफ करो
जिस दिन मन साफ हो जाएगा
दुनिया से मतलब मिट जाएगा|

                  🗒️🖋️🖋️🖋️  शिवमणि"सफ़र"(विकास)

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