ये दुनियां

यह दुनिया है एक माया जंजाल,
यही रहोगे तो इसने जल जाओगे,
निकलना चाहोगे इसके पार,
तो प्रयासों में निकल जाओगे।
बस तुम्हें स्वयं को ढूंढना होगा,
इस माया जंजाल को तोड़ना होगा,
एक बार टूट गया माया जंजाल,
तो तुम पा जाओगे अपना आकार।
देख कर तुम अपना रूप निखर जाओगे, 
मिलकर स्वयं से खुशी से भर जाओगे।

                  🗒️🖋️🖋️🖋️  शिवमणि"सफ़र"(विकास)

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