बारिश की बूंदे
शोर नहीं करती
तूफानों सी
बारिश की बूंदे
कहर नहीं ढाहती
नदियों सी
बारिश की बूंदे
नष्ट नहीं करती
बाढो सी
बारिश की बूंदे
सूखे वृक्षों पर
सूखे घासों पर
रह गए प्यासों पर
ढल कर
उन्हें जीवन देती है
खुद मिटा कर
उन्हें बनती है
🗒️🖋️🖋️🖋️ शिवमणि"सफ़र"(विकास)
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